भूमिगत जल किसे कहते हैं?
भूमिगत जल धरती की सतह के नीचे चट्टानों, मिट्टी और रेत के कणों के बीच रिक्त स्थानों में मौजूद जल को कहते हैं। यह जल वर्षा जल, नदियों का जल, झीलों का जल, या अन्य स्रोतों से रिसकर धरती के अंदर चला जाता है।
भूमिगत जल कई प्रकार का होता है, जैसे:
- अशोधित जल: यह जल धरती के अंदर चट्टानों और मिट्टी के संपर्क में आता है और इसमें खनिज पदार्थ घुल जाते हैं। यह जल पीने के लिए उपयुक्त नहीं होता है।
- शुद्ध जल: यह जल धरती के अंदर रेत और बजरी के बीच रिक्त स्थानों में मौजूद होता है। यह जल पीने के लिए उपयुक्त होता है।
- खारा जल: यह जल धरती के अंदर बहुत गहराई पर मौजूद होता है। यह जल पीने के लिए उपयुक्त नहीं होता है।
भूमिगत जल कई उपयोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जैसे:
- पीने का पानी: भूमिगत जल दुनिया भर में पीने के पानी का मुख्य स्रोत है।
- सिंचाई: भूमिगत जल का उपयोग फसलों की सिंचाई के लिए किया जाता है।
- औद्योगिक उपयोग: भूमिगत जल का उपयोग कई उद्योगों में किया जाता है, जैसे कि खनन, बिजली उत्पादन, और कपड़ा उद्योग।
भूमिगत जल एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। इसका अत्यधिक दोहन इसके स्तर को कम कर सकता है, जिससे कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि:
- जल की कमी: भूमिगत जल के स्तर में कमी से पीने के पानी की कमी हो सकती है।
- जमीन धंसना: भूमिगत जल के स्तर में कमी से जमीन धंस सकती है, जिससे इमारतों और अन्य संरचनाओं को नुकसान हो सकता है।
- खारे पानी का घुसपैठ: भूमिगत जल के स्तर में कमी से समुद्र का खारा पानी धरती के अंदर घुसपैठ कर सकता है, जिससे भूमिगत जल दूषित हो सकता है।
इसलिए, भूमिगत जल का संरक्षण करना महत्वपूर्ण है। इसका उपयोग अत्यधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए और इसका पुनर्भरण करना चाहिए।
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